साँसों का इक तारा बोले लिरिक्स | Sanso Ka Ek Tara Bole Lyrics

दुर्गा माता का भजन “साँसों का इक तारा बोले लिरिक्स | Sanso Ka Ek Tara Bole Lyrics” विपिन सचदेवा जी के द्वारा गाया हुआ है। दुर्गा माता का भजन, वीडियो और लिरिक्स दिया गया है।


Sanso Ka Ek Tara Bole Lyrics

साँसों का इक तारा बोले जय माता दी
मस्ती में जग सारा बोले जय माता दी
सूरज चंदा लाखो तारे द्वार तुम्हारे झुकते सारे
हर कोई जैकारा बोले जय माता की जय माता की
साँसों का इक तारा बोले जय माता दी।।

सोये भाग जगाने वाली बिगड़ी बात बनाने वाली
सूखे फूल खिलाने वाली माँ आंबे
ठंडी शीत गुफाओं वाली दया से भरी निगाहो वाली
अद्भुत आठ बुजाओ वाली माँ आंबे
ज्योति का उजियारा बोले जय माता की जय माता की
साँसों का इक तारा बोले जय माता दी।।

अकबर जिसके द्वार पे आया और सोने का छतर चडाया
महा दयालु है महामाया माँ आंबे
भगत जनों को तारने वाली दुष्ट जनों को मारने वाली
बिगड़े काज सवारने वाली माँ आंबे
गंगा की रस धारा बोले जय माता की जय माता की
साँसों का इक तारा बोले जय माता दी।।

जिसकी धरती जिसका अम्बर
जिसकी रचना सात समन्दर
वसी हूँ कण कण के अन्दर माँ आंबे
जिसकी है ये धुप और छाया
जिसने ये ब्रह्माण्ड रचाया
मौज में आके पलटे काया माँ आंबे
भगती का बंजारा बोले जय माता की जय माता की
साँसों का इक तारा बोले जय माता दी।।

Sanso Ka Ek Tara Bole Lyrics

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