प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर लिरिक्स | Prabal Prem Ke Pale Pad kar Lyrics

कृष्ण भगवान का यह अद्बुध भजन “प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर लिरिक्स | Prabal Prem Ke Pale Pad kar Lyrics” कृष्ण गोस्वामी जी के द्वारा गाया हुआ है। भजन के लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में वीडियो के साथ दिए हुए है।


Prabal Prem Ke Pale Pad kar Lyrics

प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर ,
प्रभु को नियम बदलते देखा ।
अपना मान भले टल जाये ,
भक्त मान नहीं टलते देखा ।।

जिसकी केवल कृपा दृष्टि से ,
सकल विश्व को पलते देखा ।
उसको गोकुल में माखन पर ,
सौ सौ बार मचलते देखा ।।

जिस्के चरण कमल कमला के ,
करतल से न निकलते देखा ।
उसको ब्रज की कुंज गलिन में ,
कंटक पथ पर चलते देखा ।।

जिसका ध्यान विरंचि शंभु ,
सनकादिक से न सम्भलते देखा ।
उसको ग्वाल सखा मंडल में,
लेकर गेंद उछलते देखा ।।

जिसकी वक्र भृकुटि के डर से ,
सागर सप्त उछलते देखा ।
उसको माँ यशोदा के भय से ,
अश्रु बिंदु दृग ढ़लते देखा ।।

Prabal Prem Ke Pale Pad kar Lyrics

हमें उम्मीद है की श्री कृष्ण के भक्तो को यह आर्टिकल “प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर लिरिक्स | Prabal Prem Ke Pale Pad kar Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “ Prabal Prem Ke Pale Pad kar Lyrics ” भजन के आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।

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