भगवान गणेश “पत्त राखो गौरी के लाल लिरिक्स | Pat Rakho Gauri Ke Laal Lyrics” नरेंद्र चंचल जी के द्वारा गाया हुआ है। इस भजन में गणेश जी का अपने कारज में आमंत्रित किया जा रहा और उन्हें प्रसन्न किया जा रहा है।
Pat Rakho Gauri Ke Laal Lyrics
पत्त राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आए ।
शरण आए, तेरी शरण आए ,
पत्त राखो गौरी के लाल ।।
हम तेरी शरण आए ।।
प्रथमे तुम्हें धिआऊँ, हे संग्राम विजेता ,
पूजा करे तुम्हारी, हे देवन के देवा ।
सीस झुकाऊँ, तुझे मनाऊँ,
मैं तिलक लगाऊँ भाल ।।
हम तेरी शरण आए ।
पत्त राखो गौरी के लाल ।।
शँकर पिता तुम्हारे, शिव शँकर कैलाशी ,
रिद्धि सिद्धि के स्वामी, लम्बोदर अविनाशी ।
मँगल करदो, कण्ठ में भरदो,
मेरे सुँदर सुर और ताल ।।
हम तेरी शरण आए ।
पत्त राखो गौरी के लाल ।।
संकट हर लो मेरे, ए दुःख हरने वाले,
झोली भर दो सबकी, झोली भरने वाले ।
जोश तुम्हारे, आया द्वारे,
लेकर फूलों की माल ।।
हम तेरी शरण आए ।
पत्त राखो गौरी के लाल ।।
Pat Rakho Gauri Ke Lal Lyrics PDF
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