Bhar Diya Bhandar Kashi Wale Ne Lyrics
भर दिया भण्डार काशी वाले ने
कर दिया मालामाल काशी वाले ने
जैसी जो भावना लाया,
वैसा ही वो फल पाया
नहीं खाली उसे लौठाया,
वो मन ही मन हरषाया
कर दिया मालामाल काशी वाले ने
भर दिया भण्डार काशी वाले ने
जो लगन लगाया सच्ची है
तो उसकी नाव ना अटकी
नैया को पार लगाया,
नहीं देर करी वो पल की |
मिटा दिया जंजाल काशी वाले ने
भर दिया भण्डार काशी वाले ने
जिसने श्रृंगार सजाया,
बाबा का दर्शन पाया
जिसने मांगा है बेटा,
वो चाँद सा टुकड़ा पाया |
कर दिया मालामाल काशी वाले ने
भर दिया भण्डार काशी वाले ने
चरणों की किया जो सेवा,
वो पाया मिश्री मेवा |
वो मन ही मन हर्षाया,
नैनों में रूप समाया |
कर दिया सब को निहाल काशी वाले ने
भर दिया भण्डार काशी वाले ने