मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का अति पावन भजन “राम को देख कर के जनक नंदिनी लिरिक्स | Ram Ko Dekh Ke Janak Nandini Lyrics” – दिवाकर द्विवेदी जी के द्वारा गाया गया है। इस भजन में राम भक्ति की महिमा का बखान किया गया है।
Ram Ko Dekh Ke Janak Nandini Lyrics
राम को देख कर के जनक नंदिनी,
बाग़ में वो खड़ी की खड़ी रह गयी ।
राम देखे सिया को सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी ॥
यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग,
ले धनुष दानवो को लगे काटने ।
एक ही बाण में ताड़का राक्षसी,
गिर जमी पर पड़ी की पड़ी रह गयी ॥
राम को मन के मंदिर में अस्थान दे
कर लगी सोचने मन में यह जानकी ।
तोड़ पाएंगे कैसे यह धनुष कुंवर,
मन में चिंता बड़ी की बड़ी रह गयी ॥
विश्व के सारे राजा जनकपुर में जब,
शिव धनुष तोड़ पाने में असफल हुए ।
तब श्री राम ने तोडा को दंड को,
सब की आँखे बड़ी की बड़ी रह गयी ॥
तीन दिन तक तपस्या की रघुवीर ने,
सिंधु जाने का रास्ता न उनको दिया ।
ले धनुष राम जी ने की जब गर्जना,
उसकी लहरे रुकी की रह गयी ॥
हमें उम्मीद है की श्री राम के भक्तो को यह आर्टिकल “राम को देख कर के जनक नंदिनी लिरिक्स | Ram Ko Dekh Ke Janak Nandini Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। ‘Ram Ko Dekh Ke Janak Nandini Lyrics‘ भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
सभी प्रकार के भजनो के lyrics + Video + Audio + PDF के लिए AllBhajanLyrics.com पर visit करे।