मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का अति पावन भजन “प्रभु के सामने सर को झुकाओ काफी है लिरिक्स | Prabhu Ke Samne Sar Ko Jhukao Kafi Hai Lyrics” – रविंद्र जैन जी के द्वारा गाया गया है। इस भजन में राम भक्ति की महिमा का बखान किया गया है।
Prabhu Ke Samne Sar Ko Jhukao Kafi Hai Lyrics
प्रभु के सामने सर को झुकाओ काफी है ।
धूप चंदन न सही मन में भाव काफी है ।।
नाना व्यंजन से नही रीझते हैं गिरधारी ।
उन्हें तो प्रेम का चावल ही आधा काफी है ।।
भाव के भूखे हैं और कोई उन्हें क्या देगा ।
मन मेँ हो प्रेम तो छिलको का भोग काफी है ।।
लाख उनको बुलाओ वो कभी न आएंगे ।
पूर्ण श्रद्धा से सिर्फ आधा नाम काफी है ।।
Prabhu Ke Samne Sar Ko Jhukao Kafi Hai Lyric PDF
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