काया ने सिणगार कोयलिया परमंडली मत जाई जो ऐ – Anil Nagori – Marwadi Rajasthani Bhajan

काया ने सिणगार कोयलिया, Anil Nagori, Marwadi Bhajan Lyrics – Rajasthani Bhajan, मारवाड़ी भजन, राजस्थानी भजन, राजस्थानी गीत, rajasthani marwadi geet, rajasthani lok geet, rajasthani geet, rajasthani bhajan video, rajasthani desi bhajan,

काया ने सिणगार कोयलिया Video Bhajan – Anil Nagori – Marwadi Bhajan, Rajasthani Bhajan


काया ने सिणगार कोयलिया Anil Nagori
Marwadi Bhajan, Rajasthani Bhajan

काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।।

पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।
पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।।
काया ने सिंगार कोयलिया।।

खारे समुन्द्र रो खारो पानी,
वो पानी मत लाहिजो रे।
खारे समुन्द्र रो खारो पानी,
वो पानी मत लाहिजो रे।।
थोड़ो नीर घणो कर मानु,
नीर गंगाजल लाहिजो रे।
थोड़ो नीर घणो कर मानु,
नीर गंगाजल लाहिजो रे।।

काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।।

पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।
पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।।
काया ने सिंगार कोयलिया।।

गेहरो फूल रोहिड़ा रो कहिजे,
वे फूलडा मत लाहिजो रे।
गेहरो फूल रोहिड़ा रो कहिजे,
वे फूलडा मत लाहिजो रे।।
थोड़ा फूल घना कर मानु,
फूल हंजारी गलारो लाइजो रे।
थोड़ा फूल घना कर मानु,
फूल हंजारी गलारो लाइजो रे।।

काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।।

पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।
पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।।
काया ने सिंगार कोयलिया।।

उजड़ भोम में ऊबो खेजडो,
वन छाया में मत बहिजो रे।
उजड़ भोम में ऊबो खेजडो,
वन छाया में मत बहिजो रे।।
उत्तर दखन रो वाजे वाहिरो,
काटो में रूल जाहिजो रे।
उत्तर दखन रो वाजे वाहिरो,
काटो में रूल जाहिजो रे।।

काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।।

पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।
पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।।
काया ने सिंगार कोयलिया।।

बाई रे मीरा ने गिरधर मिलया,
उन मंडली भलो जाहिजो रे।
बाई रे मीरा ने गिरधर मिलया,
उन मंडली भलो जाहिजो रे।।
उन मंडलीरा साचा भरोसा,
डुबतड़ा तर जावो रे।
उन मंडलीरा साचा भरोसा,
डुबतड़ा तर जावो रे।।

काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।।

पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।
पर मंडली रा नही भरोसा,
अध बिच में रूल जावो रे।।
काया ने सिंगार कोयलिया।।


Leave a Comment

आरती : जय अम्बे गौरी