Rishi Muniyo Ki Is Dharti ko Lyrics

Rishi Muniyo Ki Is Dharti Ko Lyrics

ऋषि मुनियो की इस धरती को शत शत मेरा परनाम,
यहा पे जन्मे कृष्ण कन्हैया यहा पे जन्मे राम।
जिनके पावन चरणों ने इस धरती को है तारा,
प्यारा देश हमारा भारत देश हमारा।।

याहा गंगा यमुना कावेरी सतलुज की धरा बहती,
तुलसी सुर कबीर की यादे कण कण में है बस्ती।
ये अपना वतन और अपनी मिटटी स्वर्ग सभी है न्यारा ,
प्यारा देश हमारा भारत देश हमारा।।

भेस बुशा धर्म भाषा मिलते याहा अनेक,
बिंताओ में मगर  फिर भी हम है इक।
याहा देश धर्म की रक्षा खातिर कितनो ने जीवन बारा
प्यारा देश हमारा भारत देश हमारा।।

याहा रात में हर माँ बचे को लोरी रोज सुनाये ,
प्यार की थपकी दे कर कर के अंचल की छाव सुलाए।
याहा माँ के लिए उनके बेटे जैसे कोई चाँद सितारा,
प्यारा देश हमारा भारत देश हमारा।।

पूर्व हो पूर्वांचल क्या है उत्तर उतरा खंड,
इसका मतलब और न संजो भारत ये है अखंड।
कश्मीर से कन्या कुमारी तक याहा दीखता भाई चारा,
प्यारा देश हमारा भारत देश हमारा।।

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