मोको लाग्यो रे सतसंगी थारो भाग जाग्यो रे लिरिक्स | Moko Lagiyo Re Satsangi Tharo Bhag Jagiyo Re Lyrics

Moko Lagiyo Re Satsangi Tharo Bhag Jagiyo Re Lyrics

मोको लाग्यो रे सतसंगी,
थारो भाग जाग्यो रे ।
मौको लाग्यों रे ।।

गली गली हरी चर्चा होवे,
जाणो सतगुरु आयो रे ।
भारत भूमि अमरत बरसे,
बहुत ही आनन्द छायो रे ।।

मोको लाग्यों रे सतसंगी,
थारो भाग जाग्यो रे ।
मौको लाग्यों रे ।।

देश देश का हरी जन आया,
भारी मेलो लाग्यो रे ।
मुक्ति का दरवाजा खुली गया,
अब तो कलयुग भाग्यो रे ।।

मोको लाग्यों रे सतसंगी,
थारो भाग जाग्यो रे ।
मौको लाग्यों रे ।।

भूल्या भटक्या जीव जो आया,
अब तो अवसर आयो रे ।
तीरथ बरत तो सब ही करिया,
अब तो गंगा नहाओ रे ।।

मोको लाग्यों रे सतसंगी,
थारो भाग जाग्यो रे ।
मौको लाग्यों रे ।।

मोको लाग्यो रे सतसंगी,
थारो भाग जाग्यो रे ।
मौको लाग्यों रे ।।

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